JASHPUR -: दूसरे राज्य से आकर समाज को विभक्त करने का काम कर रहे धर्मगुरु,उरांव आदिवासी समाज के लोग महादेव पार्वती के साथ प्रकृति के उपासक हैं जो मूलतः हिंदू हैं- रायमुनि भगत
जशपुर के दीपू बगीचा में सरना स्थल से उपजे विवाद का पटाक्षेप करते हुए जशपुर विधायक रायमुनि भगत ने साफ व दो टूक शब्दों में कहा है कि उरांव आदिवासी आदिकाल से महादेव पार्वती के साथ प्रकृति की पूजा करते आ रहे हैं जो मूलतः हिंदू हैं।जन आक्रोश रैली में झारखंड से आए बंधन तिग्गा के भाषण पर विधायक रायमुनि भगत ने करारा जवाब देते हुए कहा है कि सबसे पहले अपने को धर्मगुरु कहने वाले बंधन तिग्गा बताएं कि वे किस धर्म को मानते हैं।उरांव समाज के राजी पड़हा न्याय व्यवस्था में कोई धर्मगुरु नहीं होता।विदेशी झंडा लेकर ये विदेशी ताकतों के ईशारे पर छत्तीसगढ़ में उरांव समाज को विभक्त करने का काम कर रहे हैं।झारखंड से क्या वे किसीकार्डिनल और बिशप के कहने पर यहां धार्मिक उन्माद फैलाने की कोशिश कर रहे हैं।
एक ओर सामाजिक व्यवस्था में राजनीति से दूर रहने की बात करते हैं और खुद यहां आकर आरएसएस और भाजपा को आड़े हाथों लेकर अपनी राजनैतिक रोटी सेंकने का काम कर रहे हैं।आज उरांव समाज को बेटी जशपुर विधायक के पद पर आसीन हुई हैं।जिसमें जनता के साथ उरांव समाज का बड़ा योगदान है ऐसे में आज बंधन तिग्गा के दिए गए बयान से हिंदू उरांव समाज दुःखी और आहत है।
धर्म विरोधी बयान को लेकर विधायक रायमुनि भगत ने सीधे इसे हिंदू धर्म की एकजुटता को तोड़ने का कुत्सित प्रयास बताते हुए कार्यवाही की मांग की है।हिंदू उरांव समाज के अध्यक्ष कृपाशंकर भगत ने बताया दीपू बगीचा सरना स्थल सभी के पूजा अर्चना के लिए खुला है।यहां जो पारंपरिक व्यवस्था चली आ रही है वह यथावत है।
बंधन तिग्गा ने जिस सरना धर्म की बात कही है वह सरासर गलत है,सरना उरांव समाज का पूजा स्थल है।हिंदू उरांव समाज अनादि काल से महादेव पार्वती एवं प्रकृति के उपासक हैं जो मूलतः हिंदू हैं।