
जशपुरनगर।। अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस जहां दुनियाभर में श्रमिकों के अधिकारों और सम्मान की बात करता है, वहीं जशपुरनगर के रवानी चौक पर हर दिन एक अलग ही तस्वीर देखने को मिलती है। यहां सुबह होते ही सैकड़ों मजदूर काम की तलाश में जुटते हैं, लेकिन संगठन और सुविधा के अभाव में उनकी हालत जस की तस बनी हुई है।
रोज़ाना रवानी चौक पर निर्माण कार्य, खेती और अन्य दिहाड़ी मजदूरी के लिए लोग मजदूरों को लेने पहुंचते हैं। मजदूरी का मोल-भाव यहीं पर होता है और फिर उन्हें कार्यस्थलों पर ले जाया जाता है। ये सिलसिला वर्षों से चल रहा है, लेकिन अब तक यहां किसी मज़दूर संगठन का गठन नहीं हो सका है।
संगठन की कमी, सुरक्षा और सुविधा से वंचित मजदूर
यहां मजदूरों के लिए न तो कोई स्थायी पंजीकरण व्यवस्था है, न स्वास्थ्य या सामाजिक सुरक्षा की सुविधा। संगठन न होने के कारण मजदूर उचित मजदूरी, बीमा, दुर्घटना राहत जैसी मूलभूत ज़रूरतों से वंचित हैं। नतीजतन, ये श्रमिक असंगठित होकर शोषण और अनिश्चितता का शिकार हो रहे हैं।
सरकार से उम्मीदें कायम
मजदूर दिवस पर मजदूरों को उम्मीद है कि सरकार उनकी समस्याओं की ओर ध्यान देगी और उन्हें संगठित करने के लिए उचित कदम उठाएगी। यदि समय रहते इन मजदूरों को एकजुट किया गया और उनके अधिकार सुनिश्चित किए गए, तो यह समाज और अर्थव्यवस्था दोनों के लिए लाभकारी होगा।