
जशपुरनगर।। शहर के बीचों बीच स्थित बसंत विहार कॉलोनी में बने अस्थायी डंपिंग यार्ड से उठ रही जहरीली धुआं ने पूरे इलाके के लोगों को परेशान कर दिया है। नगरपालिका के डंपिंग स्थल से धुआं उठकर आसपास फैलने लगा, तब लोगों को सांस लेने में दिक्कत होने लगी। प्लास्टिक जैसे जहरीले कचरे के जलने से फैली यह धुआं न सिर्फ आम नागरिकों के लिए खतरा बन चुकी है, बल्कि इलाके में विचरण करने वाले बेसहारा मवेशियों के लिए भी जानलेवा साबित हो रही है।
असुरक्षित डंपिंग, बढ़ता खतरा
बसंत विहार कॉलोनी में निजी भूमि पर नगर पालिका पिछले कुछ समय से डंपिंग यार्ड का संचालन कर रही है। यहां शहर भर से एकत्रित कचरा लाया जाता है, जिसमें प्लास्टिक, थर्मोकोल, कोल्ड ड्रिंक और पानी की बोतलें, और अन्य अपशिष्ट शामिल हैं। बिना किसी सुरक्षा व्यवस्था के इस कचरे में आग लगाई जाती है, जिससे खतरनाक गैसें निकलती हैं। इस डंपिंग यार्ड से उठती आग और धुआं ने बसंत विहार और आसपास के क्षेत्रों को अपनी चपेट में लिया, तो स्थानीय नागरिकों में आक्रोश फैल गया। कई लोगों ने शिकायत की कि वे पिछले कई दिनों से इस जहरीली धुएं के कारण बीमार महसूस कर रहे हैं। बच्चों और बुजुर्गों की स्थिति सबसे अधिक प्रभावित हो रही है।
मामले में प्रशासन ने दी सफाई,पर नहीं की समाधान
नगर पालिका के मुख्य नगर पालिका अधिकारी (सीएमओ) योगेश्वर उपाध्याय ने इस मामले में सफाई देते हुए कहा कि आग किसी असामाजिक तत्व द्वारा लगाई गई है। उन्होंने दावा किया कि सूचना मिलते ही आग को बुझा दिया गया। उन्होंने यह भी बताया कि पूर्व में भी ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं और नगर पालिका शीघ्र ही इस डंपिंग यार्ड को बंद कर, किसी वैकल्पिक स्थल पर नया यार्ड स्थापित करेगी।
निराश्रित मवेशियों की जान पर बन आई
सबसे चिंताजनक स्थिति उस समय बनी जब कचरे के बीच बड़ी संख्या में भूखे-प्यासे बेसहारा मवेशी चारा की तलाश में वहां पहुंच गए। सुलगते हुए कचरे और उससे निकलती जहरीली धुएं के बीच मवेशी घंटों तक जमे रहे। इससे उनके झुलसने और दम घुटने जैसी घटनाएं हो सकती थीं। नगर पालिका द्वारा मवेशियों की देखभाल और सुरक्षा के लिए कोई व्यवस्था नहीं दिखाई दी, जिससे स्थानीय नागरिकों में नाराजगी है।
स्वच्छता रैंकिंग पर भी खतरा
नगर सरकार इन दिनों स्वच्छ भारत मिशन के तहत शहर की स्वच्छता रैंकिंग सुधारने में लगी हुई है। सड़कों की सफाई, सार्वजनिक स्थलों पर डस्टबिन की व्यवस्था, और एसएलआरएम सेंटरों का संचालन किया जा रहा है। शहर में ‘स्वच्छता दीदी’ घर-घर से कचरा संग्रह कर रहीं हैं और उसे छांटकर बिक्री भी की जाती है, जिससे आय भी उत्पन्न हो रही है।लेकिन कचरे के अंतिम निपटान की उचित व्यवस्था न होने से यह पूरी प्रणाली अधूरी साबित हो रही है। डंपिंग यार्ड से उठती धुआं और असुरक्षित कचरा प्रबंधन स्वच्छता रैंकिंग को भी नुकसान पहुंचा सकता है।
पूर्व प्रयासों का भी विरोध
डंपिंग यार्ड स्थापित करने के लिए पहले करबला रोड स्थित शहरी गोठान के पास प्रयास किया गया था, लेकिन वहां के रहवासियों के विरोध के कारण यह योजना विफल रही। उसके बाद से नगर पालिका कोई स्थायी समाधान नहीं निकाल पाई है और बसंत विहार की निजी जमीन पर अस्थायी डंपिंग जारी है।
अब उम्मीदें और सवाल
शहरवासी अब नगर प्रशासन से जल्द समाधान की उम्मीद कर रहे हैं। स्वास्थ्य, पर्यावरण, मवेशियों की सुरक्षा और स्वच्छता जैसे अहम मुद्दों को लेकर नगर पालिका को जल्द ही कोई ठोस निर्णय लेना होगा। जब तक सुरक्षित और दूरस्थ स्थान पर स्थायी डंपिंग यार्ड की व्यवस्था नहीं की जाती, तब तक जशपुरनगर इस जहरीली समस्या से निजात नहीं पा सकेगा।